
What is Anxiety Disorder in Hindi: कारण और उपचार
आज की भागती हुई modern life में mental health issues सिर्फ adults और seniors तक ही सीमित नही है बल्कि पिछले कुछ सालों में mental health से जुड़े cases हर age group में sharply बढे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि Anxiety Disorder world का सबसे common mental disorder है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 301 million लोग anxiety disorder का सामना कर रहे हैं जो की global population का लगभग 4% है और ये नंबर हर साल बढ़ता जा रहा है।
यदि बात की जाए India की तो हर 7 में से 1 इन्सान किसी न किसी mental health disorder से जूझ रहा है जिसमे anxiety disorder सबसे common है। ख़ास तौर पर COVID-19 pandemic के बाद लोगों में stress, fear, और uncertainity ने anxiety के cases और ज्यादा बढ़ा दिए हैं।
सबसे ताजुब की बात ये है कि दुनिया भर में anxiety से पीड़ित 4 में से किसी 1 व्यक्ति को ही proper treatment मिलता है।
वजह? जागरूकता में कमी!
इस ब्लॉग के द्वारा, Dr. Sanjay Jain, हमे विस्तार से समझायेंगे कि anxiety disorder क्या है (anxiety disorder in Hindi), anxiety में क्या होता है, इसके कारण क्या होते हैं, किस तरह के symptoms होते हैं, और यदि आपको anxiety के लक्षण महसूस हो तो आपको क्या करना चाहिए।
एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या है? (Anxiety Disorder in Hindi)

Anxiety Disorder एक ऐसी mental health condition है जिसमे व्यक्ति को लगातार fear, tension, या restlessness का अनुभव होता है, वो भी बिना किसी clear reason के।
साधारणतः कुछ चीजों को लेकर चिंता होना आम है जैसे exams से पहले, interview से पहले, या किसी बड़े परिवर्तन के समय।
परन्तु जब ये चिंता आम हो जाये और daily life को प्रभावित करने लगे जैसे कि काम, पढ़ाई, या relationship में समस्याएं आने लगे तो ये anxiety disorder का संकेत है।
Anxiety से पीड़ित व्यक्ति हर समय डरा हुआ, restless, और घबराहट महसूस करता है। इसके साथ ही उसके हाथ पैर कांपने लगते हैं, धड़कन तेज चलती है, लगातार पसीना आता है, और नींद ना आने की परशानी भी होती है। कई बार वो normal situations में भी overreact कर देते हैं और अपने responses control नही कर पाते।
यदि biologically देखा जाए तो इस disorder में दिमाग का fear center ‘amygdala’ overactive हो जाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को normal situations में भी डर और tension महसूस होता है।
एंग्जाइटी के क्या कारण हैं?
Anxiety disorder का कोई एक fix कारण नही होता, बल्कि ये बहुत सारे factors का combination होता है। आइये जानते हैं कि वो कौनसे factors हैं जो anxiety का कारण बनते हैं।
1. Genetics:

अगर आपके परिवार में किसी को anxiety या depression रहा है, तो ऐसे में आप में आप में भी ये develop होने के chances बढ़ जाते हैं।
National Library of Medicine में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार यदि किसी भी पैरेंट को Generalized Anxiety Disorder (GAD) है या रहा है तो बच्चे में दोगुना chances होते हैं, same disorder के develop होने के, उन बच्चों की तुलना में जिनके पेरेंट्स की ऐसी कोई history नही रही है।
2. Brain Chemistry:
बहुत सारे neurotransmitters और hormones anxiety में एक बहुत बड़ा रोल play करते हैं। Norepinephrine, serotonin, dopamine, और gamma-aminobutyric acid ऐसे chemicals हैं जो आपके मूड और emotion को control करते हैं, यदि इनका imbalance हो जाता है तो anxiety disorder होने के chances बढ़ जाते हैं।
3. Personality Traits:
आपको जानकार हैरानी होगी पर ज्यादा perfectionist या overly sensitive लोगों में anxiety disorder develop होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं।
The anxiety center में प्रकाशित एक study के अनुसार जिन लोगों में Generalized Anxiety Disorder diagnose हुआ उनमे perfectionistic traits ज्यादा थे normal लोगो की तुलना में।
इसके साथ ही emotional instability की condition में भी anxiety disorders होने के chances ज्यादा होते हैं।
4. Childhood Trauma:
बचपन के traumatic experiences जैसे bullying, abuse, या parental neglect भी कई बार adults और बच्चों में anxiety का कारण बनते हैं।
5. Lifestyle and Environment:
ज्यादा काम का pressure, unhealthy lifestyle जैसे proper नींद न लेना, caffeine overdose, substance abuse और life के कुछ major events जैसे job loss, divorce, या long-term illness भी anxiety trigger कर सकते हैं।

6. Drug Usage:
कई बार लोग mood divert करने के लिए शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सहारा लेते हैं लेकिन ये किसी भी स्थिति से निकलने का सही तरीका नही है। ऐसा करने से से आप drugs पर dependent हो जाते हैं और जैसे ही उनका असर कम होता है, आपकी स्वास्थ्य समस्याएं और गंभीर हो जाती है।
7. Physical Health Conditions:
कुछ specific बीमारियां, जैसे थायराइड की समस्या, हृदय रोग, diabetes, या कुछ दवाएं, चिंता के लक्षण पैदा कर सकती हैं।
एंग्जाइटी के क्या लक्षण हैं?
Anxiety के symptoms physical और emotional दोनों तरह के होते हैं। हालांकि ये symptoms हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ common signs हैं जो आपको anxiety पहचानने में मदद करेंगे।
Emotional Symptoms:
- बिना किसी कारण लम्बे समय तक दर या चिंता रहना
- दिमाग में बार बार negative thoughts का आना और इन्हें control न कर पाना
- घबराहट, restlessness, या panic feel करना
- Mood swings होना या छोटी छोटी बातों पर irritation होना
Physical Symptoms:
- Heartbeat का तेज हो जाना या heart palpitations होना
- पसीना आना
- लगातार हाथ कांपना
- उल्टी या पेट दर्द की समस्या होना
- नींद न आना या बार बार नींद का खुलना
- बिना कुछ किये थकान महसूस होना
- शरीर में जकड़न या तनाव महसूस होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- बार बार गला सूखना
Anxiety Attack के दौरान क्या होता है?
जब भी किसी व्यक्ति को anxiety attack या panic attack होता है, तब उनकी body और mind दोनों ही fight or flight mode में चला जाता है।
यह एक intense response होता है जो कुछ मिनट से लेकर एक घंटे तक चल सकता है और शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लक्षण पैदा करता है।
Anxiety attack के समय व्यक्ति को कुछ ऐसे symptoms महसूस होते हैं:
- ऐसा लग सकता है कि दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है या सीने से बाहर आ जायेगा।
- सांसें तेज या उथली हो सकती हैं, जिससे दम घुटने जैसा महसूस हो सकता है।
- बहुत ज्यादा घबराहट होना।
- शरीर का तापमान बदल सकता है जिससे आपको एकदम से ठण्ड या गर्मी महसूस हो सकती है।
- Chest में pain होना या सांस लेने में तकलीफ होना
बहुत बार लोगों को लगता है कि ये heartattack के पर actual में ऐसा anxiety attack के समय भी होता है।
हालाँकि anxiety disorders के episodes बहुत scary होते हैं लेकिन proper treatment से इन्हें manage किया जा सकता है।
एंग्जाइटी का उपचार कैसे किया जा सकता है?
Anxiety disorder के उपचार के लिए ये जरूरी है कि आप एंग्जायटी क्या है (Anxiety disorder in hindi) और इसके लक्षणों को समझे जिससे इसकी गंभीरता के अनुसार इसका इलाज किया जा सके।
Anxiety Disorder का treatment mainly तीन चीजों पर depend करता है: therapy, medication, और lifestyle changes.
1. Cognitive Behavioural Therapy
Cognitive Behavioural Therapy anxiety disorders के लिए सबसे प्रभावी थेरेपी में से एक है। इसमें patient को negative thoughts को लेबल करना और उन negative behaviours की पहचान करना सिखाया जाता है जो उनकी चिंता को बढ़ावा देते हैं। और फिर बाद में उन्ही negative behaviours को healthy ways से change करना सिखाया जाता है।
2. Exposure Therapy
ये therapy specially phobia और panic disorder वाले patients को suggest की जाती है। Exposure Therapy के दौरान व्यक्ति को धीरे धीरे सुरक्षित माहोल में उन चीजों या स्थितियों का सामना करना सिखाया जाता है, जिनसे उन्हें दर लगता है।
इस तरीके से वो अपने डर का सामना करके उस पर काम कर सकते हैं।
3. Talk Therapy
Talk therapy या psychotherapy के दौरान आप एक expert therapist से बात करके अपनी भावनाओं और विचारों को समझ सकते हैं।
ये बातचीत therapist और patient के बीच safe रहती है और इसके माध्यम से patients अपनी भावनाओं को व्यक्त करके, thoughts के pattern को समझकर उन तरीकों पर काम करते हैं जिससे anxiety से निपटा जा सके।
4. Medication
कुछ ऐसी दवाएं हैं जो severe cases में डॉक्टर्स द्वारा दी जाती हैं पर इन्हें बिना सलाह नही लेना चाहिए। आइये जानते हैं कौन कौनसी medicines है जो एंग्जायटी disorder में दी जाती हैं।
Antidepressants:
Antidepressants pills मस्तिष्क में सिरेटोनिन जैसे neurotransmitter को सही करके anxiety के लक्षणों को कम कर सकती हैं।
Anti-Anxiety Medications:
Anti-anxiety medications सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह से और बहुत गंभीर स्थिति में ही ली जाती हैं। चूँकि ये दवाएं तेजी से काम करती हैं और इन पर dependency हो सकती है इसलिए इनका इस्तेमाल बहुत ही सावधानी से किया जाता है।
Beta-Blockers:
Beta-blockers medicines शारीरिक लक्षणों जैसे तेज दिल की धड़कन या कंपकंपी को कम करने में मदद करती हैं।
5. Lifestyle Changes

आपकी जीवनशैली के छोटे छोटे से बदलाव भी आपकी anxiety को manage करने में काफी मदद कर सकते हैं जैसे:
- हल्के व्यायाम को अपने routine में शामिल करें। Physical activities से stress और anxiety को कम करने में मदद मिलती है।
- Balanced diet न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सही रखने में सहयोग करती है।
- भरपूर नींद लें। नींद लेने से 1-hour पहले सारे gadgets और smartphone से दूरी बना लें। जरूरी हो तो screentime calculate करें।
- दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना भी आपकी anxiety को manage करने में काफी सहायक होता है।
- अपनी hobbies के लिए समय निकालें या उन activites में time दे जिनसे आपको ख़ुशी मिलती है।
आज के stressful environment में एंग्जायटी होना एक बहुत ही common है। लेकिन यदि anxiety से related issues को लेकर aware हो और इसके symptoms को समय पर पहचाना जाए तो इसे manage करना possible है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हमने चिंता विकार (anxiety disorder in hindi) को समझा साथ ही उसके symptoms और कारणों को जाना।
अगर आपको भी लगता है कि आपका कोई अपना एंग्जायटी से जूझ रहा है या उसमे anxiety disorder के symptoms हैं तो बिना देर किये एक expert psychiatrist से सलाह लें। क्योंकि आप जितना जल्दी professional help लेंगे उतना ही आपके लिए या आपके अपनों के लिए एंग्जायटी से deal करना आसान होगा।
Dr. Sanjay Jain, top psychiatrist in jaipur में से एक है जिन्हें 13+ years का experience है mental health disorders को ठीक करने में। यदि आप भी एक trustable और experineced psychiatrist ढूंढ रहे हैं तो आज ही Dr. Sanjay Jain के साथ अपना appointment book करें।
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Dr. Sanjay Jain is a highly experienced psychiatrist based in Jaipur, India, with over 13 years of expertise in mental health. He holds an MD in Psychiatry from SMS Medical College & Hospital, Jaipur, and has further enhanced his qualifications with certifications such as NLE (Pennsylvania, USA), CRA (Singapore), and PGCPS. Dr. Jain is renowned for his global contributions to mental health research. He adopts a holistic approach to treatment, combining medication with patient education and collaboration to create personalized and effective treatment plans.
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