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Depression ke Lakshan in Hindi: मानसिक तनाव के संकेत और उपाय
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Depression ke Lakshan in Hindi: मानसिक तनाव के संकेत और उपाय

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  • अवसाद (Depression) क्या है?
    • इस विषय पर जानकारी क्यों आवश्यक है?
  • डिप्रेशन के सामान्य लक्षण (Common Symptoms)
    • 1. लगातार उदासी या खालीपन महसूस करना
    • 2. रुचियों या पसंदीदा गतिविधियों में रुचि कम हो जाना
    • 3. Constant थकान होना या ऊर्जा में कमी होना 
    • 4. निराशा एवं निरर्थकता की भावना
    • 5. दोषी या बेकार महसूस करना 
  • मानसिक और शारीरिक लक्षण (Mental & Physical Symptoms)
    • 1. चिंता घबराहट या बेचैनी होना 
    • 2. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
    • 3. निर्णय लेने में समस्या
    • 1. नींद में बदलाव: बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना
    • 2. भूख में बदलाव 
    • 3. सिरदर्द या शरीर में दर्द जिसके कारण स्पष्ट न हों
  • व्यवहार संबंधी बदलाव (Behavioral Changes)
    • 1. सामजिक मेलजोल से दूरी बनाना 
    • 2. नकारात्मक सोच में वृद्धि
    • 3. आत्म क्षति के विचार और प्रयास 
  • बच्चों, किशोरों और वरिष्ठ नागरिकों में लक्षण (Symptoms in Children, Teens, and Elderly)
    • आइये जानते हैं अलग-अलग आयु वर्ग में डिप्रेशन के लक्षण कैसे बदलते हैं?
  • कारण और जोखिम कारक (Causes and Risk Factors)
  • कब सहायता लें? (When to Seek Help)
  • उपचार के विकल्प (Treatment Options)
  • FAQs
    • डिप्रेशन और सामान्य उदासी में क्या अंतर है?
    • डिप्रेशन के मुख्य लक्षण क्या हैं?
    • मानसिक तनाव के शुरुआती संकेत कैसे पहचानें?
    • डिप्रेशन और मानसिक तनाव के लिए क्या उपाय करें?

आपके आस पास आपने कई बार लोगों को इन शब्दों का प्रयोग करते हुए देखा होगा “यार में बहुत depressed हूँ आजकल”, या “मेरा किसी भी काम में मन नही लगता”, etc. ये आम तौर पर mood swing समझकर टाल दिए जाने वाले शब्द कई बार गंभीर रूप ले लेते हैं जिसमे व्यक्ति suicide तक पहुँच जाते हैं।

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में depression एक आम समस्या बन गयी है जबकि आज भी लोगों में depression को लेके जागरूकता बहुत कम है।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 280 million लोग depression के साथ जी रहे हैं।

National Mental Health Survey 2015-16 के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या के लगभग 4.5% लोग depression से पीड़ित हैं, यानी हर 100 में से 4-5 लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।

सबसे गंभीर बात ये है कि अधिकतर लोग depression जैसी serious condition को mood swing समझकर टाल देते हैं। परिणामस्वरूप समस्या और गंभीर हो जाती है।

आज के इस ब्लॉग में Dr. Sanjay Jain, MD-Psychiatry (SMS Medical College & Hospital), NLE (Pennsylvanian, USA), CRA (Singapore), PGCPS, आपको विस्तार से बतायेंगे कि depression क्या है, depression ke lakshan in hindi, depression से जुडी सम्पूर्ण जानकारी जिससे आप depression को समझ सकें तथा निर्णय ले सकें कि professional हेल्प कब लेनी चाहिए।

अवसाद (Depression) क्या है?

depression ke lakshan in hindi

Depression एक serious mental health disorder है जो व्यक्ति की सोच, महसूस करने, और व्यवहार को प्रभावित करता है। यह सिर्फ उदास होना नही बल्कि एक medical condition है जिसमे brain के chemicals का balance बिगड़ जाता है और व्यक्ति की मानसिक क्षमता प्रभावित होती है।

यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है और यदि इसे अनदेखा किया जाए और समय पर इलाज न किया जाए तो ये मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

भारत में depression के आंकड़े चौकाने वाले इसलिए हैं क्योंकि लोगों में mental health awareness की अत्यन्त कमी है। Indian Journal of Psychiatry में प्रकाशित study के अनुसार भारत में केवल 20% depression patients को proper treatment मिल पाता है।

इस विषय पर जानकारी क्यों आवश्यक है?

यदि बात की जाए India में depression की तो पिछले कुछ वर्षों में (Covid-19 Pandemic के बाद) depression के cases में कई गुना वृद्धि हुई है

इस सन्दर्भ में Times ऑफ़ India की एक रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी; Ahmedabad के सरकारी अस्पतालों के रिकार्ड्स के अनुसार 2019-20 से 2024 के बीच अवसाद (डिप्रेशन) के मामलों में 300% की वृद्धि हुई है।

ऐसे में depression को समझना और इसके बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है जिससे आपके आस पास के लोगों, दोस्तों और परिवार में किसी को भी यदि depression के लक्षण हो तो आप उन्हें पहचानकर उनकी मदद कर सको तथा Early detection से उन्हें बेहतर ट्रीटमेंट मिल सके।

डिप्रेशन के सामान्य लक्षण (Common Symptoms)

डिप्रेशन के सामान्य लक्षण (Common Symptoms)

जब हमारे शरीर पर बाहर से चोट लगती है तो वह हमें साफ दिखाई देती है। हम तुरंत उस पर मरहम लगाकर उसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन अगर परेशानी दिमाग के अंदर हो, तो उसे पहचानना और समझना इतना आसान नहीं होता। मानसिक चोटें दिखाई नहीं देतीं, उन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है। ऐसे में डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण (depression ke lakshan in hindi) ही हमें यह संकेत देते हैं कि हमें उपचार की ज़रूरत है।

आइये जानते हैं depression ke lakshan in hindi!

1. लगातार उदासी या खालीपन महसूस करना

यह depression का सबसे common symptom है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को लगातार 2 weeks या इससे ज्यादा समय तक deep sadness महसूस होती है। यह sadness normal दुःख  से अलग होती है क्योंकि इसका कोई specific reason नहीं होता और ये लम्बे समय तक बनी रहती है।

2. रुचियों या पसंदीदा गतिविधियों में रुचि कम हो जाना

Medical term में इस condition को ‘Anhedonia’ कहते हैं। Anhedonia से तात्पर्य उस state से है जब आप किसी भी काम में रुचि ना ले पाएं। जैसे movies देखना, friends से मिलना, hobbies में interest न रहना या कोई भी काम जो आपको पहले ख़ुशी देते थे वो बोरिंग लगने लगते हैं।

3. Constant थकान होना या ऊर्जा में कमी होना 

Depression में व्यक्ति को हमेशा tired feel होता है, चाहे उसने कितना ही rest क्यों न कर लिया हो। इसके अतिरिक्त छोटे छोटे काम करने में भी ऐसा लगता है जैसे अत्यंत energy लगानी पड़ रही हो।

4. निराशा एवं निरर्थकता की भावना

Depression से पीड़ित व्यक्तियों में अक्सर जीवन को लेकर निराशा की भावना, hopelessnes और ऐसी feeling रहती है की उनकी life का कुछ motive नही है।  

5. दोषी या बेकार महसूस करना 

Depression से जूझ रहे लोग हमेशा किसी न किसी बात को लेकर guilt में रहते हैं या उन्हें लगने लगता है कि वो किसी भी काम के काबिल नही है।

मानसिक और शारीरिक लक्षण (Mental & Physical Symptoms)

Depression के कुछ सामान्य लक्षणों के साथ साथ मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लक्षण भी हैं जिनके माध्यम से ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि depression है या नही।

मनोवैज्ञानिक लक्षण:

1. चिंता घबराहट या बेचैनी होना 

American Psychiatric Association के अनुसार 60% depression patients में anxiety भी होती है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को लम्बे समय तक उदासी छाई हुई है और साथ ही बेचैनी और घबराहट भी महसूस हो रही है तो ये भी depression का sign हो सकता है।

2. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

कई मामलों में ये देखा गया है कि Depression से पीड़ित व्यक्ति को ध्यान लगाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी overall work performance जैसे job, studies, या फिर घर का कोई काम करने की क्षमता में गिरावट होती है।

3. निर्णय लेने में समस्या

चूँकि depression में रहने वाले व्यक्ति हमेशा doubts में रहते हैं इसलिए उन्हें छोटे छोटे decisions लेने में भी बहुत मुश्किल होती है।

शारीरिक लक्षण:

1. नींद में बदलाव: बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना

Sleep disorder depression का एक बहुत common लक्षण है इसमें या तो पेशेंट को बहुत कम नींद आना (insomnia) या फिर बहुत ज्यादा नींद आना (hypersomnia) जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

2. भूख में बदलाव 

Depression में कई मामलों में भूख में बदलाव देखे गए हैं जैसे या तो व्यक्ति को बहुत ज्यादा भूख लगने लगती है जिससे weight gain की समस्या होती है या फिर बिल्कुल भूख नही लगती है जिससे तेजी से weight loss होने लगता है।

3. सिरदर्द या शरीर में दर्द जिसके कारण स्पष्ट न हों

Depression physical pain का भी कारण बन सकता है। Harvard Medical School के research के अनुसार 65% depression patients को कोई न कोई chronic pain की समस्या होती है।

Read Also – How Does Personality Change after Depression: Understanding the Impact

व्यवहार संबंधी बदलाव (Behavioral Changes)

Depression se पीड़ित व्यक्ति 

1. सामजिक मेलजोल से दूरी बनाना 

Social withdrawal depression का एक बहुत ही major sign है। ऐसे में व्यक्ति family और friends से distance बना लेता है तथा किसी से घुलता मिलता नही है ज्यादातर time अकेले ही बिताता है।

2. नकारात्मक सोच में वृद्धि

चूँकि व्यक्ति constantly दुखी और हारा हुआ महसूस करते हैं ऐसे में उनके व्यवहार से नकारात्मकता साफ़ झलकती है वे कई बार अपने आस पास के लोगों से सिर्फ negative बातें ही करते हैं। यदि आपके आस पास भी ऐसे लोग हैं जो सिर्फ बुरा और negative ही बोलते हैं या सोचते हैं तो ये उनके depression में होने का संकेत हो सकता है।

3. आत्म क्षति के विचार और प्रयास 

यह depression का सबसे serious symptom है। अगर किसी में suicidal thoughts आ रहे हैं तो immediate professional help की जरूरत है।

बच्चों, किशोरों और वरिष्ठ नागरिकों में लक्षण (Symptoms in Children, Teens, and Elderly)

Depression symptoms (Depression ke lakshan in hindi) का पता लगाना उतना मुश्किल नही है यदि आप अपने आस पास के लोगों के व्यवहार, बातचीत, और सोच पर ध्यान दें।

परन्तु ये भी आवश्यक नही है कि हर वर्ग में और सब लोगों में symptoms एक ही जैसे हो, ये उनके age और  gender पर भी निर्भर करता है। 

आइये जानते हैं अलग-अलग आयु वर्ग में डिप्रेशन के लक्षण कैसे बदलते हैं?

1. बच्चों में चिड़चिड़ापन या स्कूल न जाने का मन

बच्चों में depression अक्सर irritability, school जाने से कतराना, बार बार complaints करना जैसे पेट दर्द है, सर दर्द आदि का बहाना बनाना depression के प्रमुख लक्षणों में है। Indian Academy of Pediatrics में प्रकाशित एक report के अनुसार 2-3% Indian बच्चे depression से affected हैं।

2. किशोरों में आक्रोश/अस्वस्थ रिश्ते

सामान्य depression के लक्षणों के मुकाबले किशोरों में अकेलापन नही बल्कि झुंझलाहट, गुस्सा, और अत्यधिक चिडचिडापन जैसे लक्षण देखे जाते हैं।

3. बुजुर्गों में अकेलापन और शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट

यदि बात की जाए बुजुर्गों में depression की तो  उनमे लम्बे समय तक अकेले रहने की भावना होना, शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं होना आदि शामिल है।

कारण और जोखिम कारक (Causes and Risk Factors)

Depression का कोई specific कारण नही है ये life के किसी भी चरण में, किसी को भी, किसी भी अवस्था में हो सकता है। परन्तु कुछ ऐसे कारक हैं जो आप में depression की संभावना को बढाते हैं जैसे-

1. Genetic Factors:

यदि आपकी फॅमिली में depression की कोई history रही है या करीबी को depression की समस्या है तो ऐसे में आपको depression होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

2. Brain Chemistry:

Depression आपकी brain chemistry से directly related है अर्थात यदि आपकी brain chemistry (neurotransmitters) में imbalance होगा तो depression होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

3. Life Events:

जिन्दगी की कुछ घटनाएं आपको अन्दर तक दुखी कर देती हैं या लम्बे समय तक प्रभावित करती हैं यदि आपके साथ भी ऐसे life events हुए हैं तो depression होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

4. Medical Conditions:

लम्बे समय तक बीमारी होना जैसे cancer, heart-related diseases, diabetes, menopause आदि के कई cases में पेशेंट्स में depression की समस्या देखी जा सकती है।

5. Substance Abuse:

लम्बे समय तक शराब, drugs और other addictives का प्रयोग करने वाले लोगों में भी depression के chances होते हैं।

6. Personality Traits/ Psychological Factors:

आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी personality भी डिप्रेशन का कारण बन सकती है, क्योंकि कई रिसर्च बताते हैं कि perfectionist, pessimistic या low self-esteem वाले लोगों में डिप्रेशन अधिक होता है।

कब सहायता लें? (When to Seek Help)

अगर आपकी उदासी या depression के लक्षण 2 weeks से ज्यादा समय तक बने रहें और आपकी daily life को प्रभावित कर रहे हों तो professional help लेना जरूरी है। 

खास तौर पर अगर suicidal thoughts आ रहे हों, work performance में गिरावट हो, या family relationships strain हो रही हों तो तुरंत mental health expert से मिलें। याद रखें कि early intervention से बेहतर results मिलते हैं।

उपचार के विकल्प (Treatment Options)

Depression का इलाज पूरी तरह संभव है और इसमें therapy, medication, और lifestyle changes आदि काफी मदद करते है। इसके अतिरिक्त समस्या अधिक होने पर डॉक्टर्स द्वारा Cognitive Behavioral Therapy (CBT) का सुझाव दिया जाता है कि सबसे effective तरीकों में से एक है। 

Doctor की guidance में antidepressants medicines भी helpful होती हैं। साथ ही regular exercise, proper sleep, और healthy diet भी recovery में काफी योगदान देते हैं।

Depression और Depression Symptoms (Depression ke lakhsan in hindi) के बारे में जानकारी होना तथा इसको समझना आपकी और आपके अपनों की काफी मदद कर सकता है। याद रखें Depression कोई पागलपन नही बल्कि एक treatable medical condition है

यदि समय रहते depression के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसे successfully manage किया जा सकता है तथा आप पहले से भी बेहतर life जी सकते हैं।

Dr. Sanjay Jain Jaipur के experienced psychiatrists में से एक हैं जिन्होंने 13+ years में हजारों patients को depression से बाहर निकालने में मदद की है। उनकी approach सिर्फ medication तक सीमित नहीं है बल्कि therapy, lifestyle counseling, और emotional support भी include करती है। 

अगर आप या आपका कोई अपना depression के symptoms महसूस कर रहे हैं, तो देर न करें – आज ही appointment book करें।

FAQs

डिप्रेशन और सामान्य उदासी में क्या अंतर है?

सामान्य उदासी कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है, जबकि डिप्रेशन दो सप्ताह से अधिक रहता है। डिप्रेशन में शारीरिक लक्षण भी होते हैं और पेशेवर इलाज की जरूरत होती है।

डिप्रेशन के मुख्य लक्षण क्या हैं?

लगातार उदासी, किसी काम में मन न लगना, नींद और भूख में बदलाव, थकान, एकाग्रता की कमी और आत्महत्या के विचार आना। ये लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक रहते हैं और दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।

मानसिक तनाव के शुरुआती संकेत कैसे पहचानें?

चिड़चिड़ाहट, बेचैनी, सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना, नींद में परेशानी और काम में रुचि कम होना। सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव और पेट की समस्याएं भी शुरुआती संकेत हैं।

डिप्रेशन और मानसिक तनाव के लिए क्या उपाय करें?

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और मेडिटेशन करें। गंभीर स्थिति में मनोचिकित्सक से सलाह लें और जरूरत पड़ने पर दवा का सेवन करें।

Sanjay Jain

Dr. Sanjay Jain is a highly experienced psychiatrist based in Jaipur, India, with over 13 years of expertise in mental health. He holds an MD in Psychiatry from SMS Medical College & Hospital, Jaipur, and has further enhanced his qualifications with certifications such as NLE (Pennsylvania, USA), CRA (Singapore), and PGCPS. Dr. Jain is renowned for his global contributions to mental health research. He adopts a holistic approach to treatment, combining medication with patient education and collaboration to create personalized and effective treatment plans.

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